बेटियों की आवाज़!!
बेटी हुँ माँ-बाप की,
कोई अभिशाप नहीं,
यू रोको न मुझे,
उड़ जाने दो खुले आसमान में,
कांटे भरे हाथों से मेरे फूल से सपनों को न छुओ,
खिल जाने दो इन्हें मेरे देश के सम्मान में ।
🇮🇳
:-प्रियांशु निशु
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