वो जूठी रोटी हमारे थाल की, शोभा बनती किसी कंगाल की, है भूख इतनी हम सब की, जब जी किया तब कुछ खाया, कैसी मजबूरी ये उनकी देखो, उनके थाल में कुछ न आया, मजदुरी वो सुबह - शाम करे, पर दिहाड़ी में हमने है सताया, हस-हस कर हम खाने बैठे, वो रो कर भी कुछ न पाया, हम घूमें ट्रैन से, हमारे बोझ को कुली बन उसने उठाया, और उसके 10 रुपये ज्यादा की मांग पर, हमने उसको डॉट भगाया, कैसी मजबूरी ये उनकी देखो, उनके थाल में कुछ न आया । :-निशु
यह कहानी प्रियांशु(निशु) ने अपने एक अपरिचित मित्र शिवम् से हुई देर रात बातचित के आधार पे लिखी है, जोसमे शिवम् अपनी LONG DISTANCE RELATIONSHIP के बारे में बात कर रहा हैं ।। शिवम और दिपाक्षी कि ये कहानी में प्यार,दूरी का बेहरीन मिश्रण है। आशा करता हु ये कहानी आपको पसंद आएगी (This stoty is a narration but fiction) रोज बुने है खर्च करके कई रातो को, न जाने अब कहा रखे इतने सारे खयालातों को, कोशिश की है लिखने की चंद जज्बातों को, लेखक नही बस लिखा है लोगो के अल्फाज़ो को ।। " Saheli is contraceptive issued by Govt. Of INDIA" मैं बायोलॉजी पढ़ रहा था,ये मेरा पसंदीदा subject है, मैं पढ़ ही रहा था लाइट चली गयी,मुझे शायद बायोलॉजी से कोई अलग नही कर सकता पर लाइट जाने के बाद गर्मी ने कर दिया, मैं बाहर बालकनी में जाकर खड़ा हो गया, मेरे होस्टल की बालकनी काफी लंबी थी, मैंने तुरंत अरिजीत सिंह के कुछ गाने बजा दिए और मैं टहल टहल कर गानों के मजे ले रहा था, अब इतना खूबसूरत मौसम था, हवा मासूमियत से मेरे गालो को छू र...
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